अनाहत चक्र साधना विधि
– हमारा शरीर अनेक रहस्यों से भरा पड़ा है | जिसमे 7 प्रमुख ऊर्जा स्रोत है , जिन्हे चक्र कहते है, वैज्ञानिक इन्हे अंत स्त्रावी ग्रंथिया कहते है जिनमे चौथा अनाहत चक्र है , जो वायु तत्त्व को समाहित किये हुए है अनाहत चक्र के देवता ईश देव , और देवी काकिनि है, अनाहत चक्र विभिन्न अवयवों , संस्थानों तथा जीवन की प्रक्रियाओं को नियमित करके सम्पूर्ण शरीर में प्राण ऊर्जा को बनाये रखता है, इस चक्र की ऊर्जा से व्यक्ति सक्रियता , शक्ति , इच्छा तथा उपलब्धियां प्राप्त करके अपने मन वांछित फल प्राप्त कर सकता है | अनाहत चक्र के प्रतीक चित्र में बारह पंखुडिय़ों का एक कमल है। यह हृदय के दैवीय गुणों जैसे परमानंद, शांति, सुव्यवस्था, प्रेम, संज्ञान, स्पष्टता, शुद्धता, एकता, अनुकंपा, दयालुता, क्षमाभाव और सुनिश्चिय का प्रतीक है। तथापि, हृदय केन्द्र भावनाओं और मनोभावों का केन्द्र भी है। इसके प्रतीक छवि में दो तारक आकार के ऊपर से ढाले गए त्रिकोण हैं। एक त्रिकोण का शीर्ष ऊपर की ओर संकेत करता है और दूसरा नीचे की ओर। जब अनाहत चक्र की ऊर्जा आध्यात्मिक चेतना की ओर प्रवाहित होती है, तब हमारी भावनाएं भक्ति, शुद्ध, ईश्वर प्रेम और निष्ठा प्रकट करती है। तथापि यदि हमारी चेतना सांसारिक कामनाओं के क्षेत्र में डूब जाती है, तब हमारी भावनाएं भ्रमित और असंतुलित हो जाती हैं। तब होता यह है कि इच्छा, द्वेष-जलन, उदासीनता और हताशा भाव हमारे ऊपर छा जाते हैं। अनाहत, ध्वनि (नाद) की पीठ है। इस चक्र पर एकाग्रता व्यक्ति की प्रतिभा को लेखक या कवि के रूप में विकसित कर सकती है। अनाहत चक्र से उदय होने वाली दूसरी शक्ति संकल्प शक्ति है जो इच्छा पूर्ति की शक्ति है। जब आप किसी इच्छा की पूर्ति करना चाहते हैं, तब अपने हृदय में इसे एकाग्रचित्त करें। आपका अनाहत चक्र जितना अधिक शुद्ध होगा उतनी ही शीघ्रता से आपकी इच्छा पूरी होगी। अनाहत चक्र : स्थिति यह शरीर का चौथा चक्र है। अनाहत चक्र नाभि के पीछे रीढ़ की हड्डी में स्थित है , 12 पंखुरियों वाला यह “हरे रंग ” का है। इस चक्र का तत्त्व वायु और ज्ञानेन्द्रिय स्पर्श है , अनाहत चक्र के जागरण से जो शक्ति मिलती है, उससे व्यक्ति किसी भी बीमारी को स्पर्श मात्र से ठीक कर देता है |
मंत्र : — “यं ”
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वाधित या असंतुलन का परीक्षण
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आपका अनाहत चक्र या वायु तत्त्व असंतुलित है, इसका पता आप इस परिक्षण से लगा सकते है –
1 . क्या आप गुस्सा , क्रोध , आक्रामकता , अशांत जैसा महसूस करते है |
2 . क्या आप रक्तचाप , फेफड़े , स्तन कैंसर , बुख़ार , एलर्जी , अस्थमा , टी बी समस्या से परेशान है |
3 . क्या आपको खट्टा स्वाद आकर्षित करता है |
4 . क्या आपका सबसे पसंदीदा रंग हरा है |
5 . क्या आप किसी भी ह्रदय रोग से परेशान है | अगर इनमे से किसी एक प्रश्न का उत्तर “हाँ ” में है, तो आपका अनाहत चक्र वाधित है | इसे सक्रिय करने के लिए साधना और ध्यान की आवश्यकता है |
अनाहत चक्र को संतुलित करने के उपाय
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अगर आप अनाहत चक्र को संतुलित कर लेते है, तो अनेक समस्याओं का अपने आप समाधान हो जाता है , इसकी विधियाँ निम्न लिखित है |
1 . चक्र ध्यान =========== सर्वप्रथम किसी भी आसन में बैठ जाये, या पीठ के बल लेट जाएँ , फिर छह बार लम्बी गहरी साँस लें , फिर अनाहत चक्र पर ध्यान लगाये और यूट्यूब पर अनाहत चक्र ध्यान साधना की ध्वनि को चालू करके , उस ध्वनि को अनाहत चक्र पर महसूस करें |
अवधि
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कम से कम 18 मिनिट ध्यान करें , इसके अलावा आप यह साधना 27 , 45 , 54 मिनिट्स भी कर सकते है | जितना ज्यादा ध्यान करेंगे उतना ज्यादा लाभ होगा |
2 . चक्र साधना –
अनाहत चक्र को संतुलित करने का ध्यान और साधना अलग अलग है | ध्यान के आपको अनाहत चक्र पर सिर्फ ध्यान लगाना है, और धवनि महसूस करनी है, वही साधना में आपको “”यं “” मंत्र के विडिओ को यूट्यूब पर चालू करके मंत्र को साथ -साथ आपको दोहराना है, और अनाहत चक्र पर चोट करना है | { अनाहत चक्र को खीचने और छोड़ने की क्रिया करें } अवधि – कम से कम 21 दिन और अधिकतम 3 माह तक इस साधना को करने से मनवांछित परिणाम मिलते है |
वैज्ञानिक विश्लेषण
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अनाहत चक्र , वायु , प्राण तत्व , की फ्रीक्वेंसी के आधार पर यह प्राण ऊर्जा साधना और ध्यान बनाया गया है, इस वाइब्रेशन पर बहुत अद्भुत और चामत्कारिक परिणाम प्राप्त होते है | अनाहत चक्र के असन्तुलन की वजह से बीमारी से पीड़ित अनेक लोग , एक – दो दिन में ही ठीक होते देखे गये है |
Test of Anahat Chakra How can we recognise whether our feelings express dependency or genuine love? There is a very simple test for this: Love brings joy, not sadness Love shows understanding and provokes no arguments. Love provides security and makes no demands. Love grants freedom and knows no jealousy.