अपनी प्राण ऊर्जा को संतुलित करें, Balance Your Energy
इस प्राण योग ध्यान के माध्यम से आपके चक्र { अन्त स्त्रावी ग्रंथियों } , पञ्च तत्त्व , पञ्च प्राण , को संतुलित किया गया है, फलस्वरूप आपकी किसी भी शारीरिक मानसिक और आध्यात्मिक ऊर्जा को यह ध्यान संतुलित करने का कार्य करता है, प्राण योग ध्यान की तरंगे आपके आंतरिक अंगो पर एक्यूप्रेसर की तरह कार्य करती है, जिससे आपको तुरंत लाभ महसूस होने लगता है |
विधि –
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प्राण योग ध्यान को सुनना शुरू कीजिये ,सीधे आसमान की तरफ मुँह करके लेट जाएँ हथेलियां आसमान की तरफ अधखुली हो , शरीर को शिथिल छोड़ दीजिये , आँखे बंद कीजिये , अब दाएं हाथ के अंगूठे से अपनी दांयी नाक के नथुने को बंद कीजिये , और बाएं नथुने से साँस खींचते हुए यह कल्पना कीजिये की प्राण ऊर्जा आपके शरीर में आ रही है , , साँस को रोककर रखिये , जब तक घबराहट न होने लगे , साँस को रोके रखिये , फिर जब बहुत ज्यादा तकलीफ होने लगे फिर दाएं नथुने से बाहर निकाल दीजिये | अब बाएं नथुने को अनामिका अंगुली से बंद कीजिये , दायें नथुने से साँस खींचिए , और रोक कर रखिये , जब तक आपको घबराहट न होने लगे , अब बाएं से छोड़िये , आपको जिस तरफ से साँस लेना है, उसके विपरीत तरफ से छोड़ना है , और जिस तरफ से आपने साँस छोड़ी है, उसी तरफ से आपको लेनी है | ऐसा 11 बार करें , हर बार ज्यादा देर तक साँस रोकने का अभ्यास करें , फिर शरीर को शिथिल छोड़ दें , प्राण योग ध्यान मैडिटेशन की ध्वनि को आपने सभी चक्रों पर 1 -1 मिनिट तक महसूस करे | अब आँखे खोल लीजिये , आप अपने आप को एक नयी दिव्य ऊर्जा से परिपूर्ण पायेगें | विशेष – ह्रदय रोगी , और उच्च रक्त चाप के मरीज , साँस रोके बिना सिर्फ आँखे बंद करके प्राण योग ध्वनि को सुने |