आज्ञा चक्र की ऊर्जा का प्रभाव 

1. आज्ञा-चक्र हमारी दोनों भौहों के मध्य में स्थित होता है |आज्ञा चक्र मस्तक के मध्य में, भौंहों के बीच स्थित है। इस कारण इसे “तीसरा नेत्र” भी कहते हैं।

2. यह ३ प्रमुख नाडिय़ों, इडा (चंद्र नाड़ी) पिंगला (सूर्य नाड़ी) और सुषुम्ना (केन्द्रीय, मध्य नाड़ी) के मिलने का स्थान है। जब इन तीनों नाडिय़ों की ऊर्जा यहां मिलती है और आगे उठती है, तब हमें समाधि, सर्वोच्च चेतना प्राप्त होती है।

3 . -आज्ञाचक्र में जब ध्यान को एकाग्र किया जाता है, तो तीन बड़ी शक्तियों के मिलन के फलस्वरूप व्यक्तिगत चेतना का रूपान्तरण विश्वचेतना में हो जाता है।

4 . पूर्ण जाग्रत स्थिति में जब भ्रूमध्य पर ध्यान एकाग्र किया जाता है, तो वहाँ दीपशिखा की भाँति एक ज्योति दिखाई पड़ती है।

5 . इस चक्र की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि अलग-अलग चक्रों पर ध्यान करने जो पृथक्-पृथक् अनुभूतियाँ होती है, वह सब इस एक ही चक्र पर ध्यान के अभ्यास द्वारा अनुभव की जा सकती है।

6 . आज्ञा चक्र के जाग्रत होने का लक्षण है. इससे भूत-भविष्य-वर्तमान तीनों प्रत्यक्षा दीखने लगते है और भविष्य में घटित होने वाली घटनाओं के पूर्वाभास भी होने लगते हैं. साथ ही हमारे मन में पूर्ण आत्मविश्वास जाग्रत होता है जिससे हम असाधारण कार्य भी शीघ्रता से संपन्न कर लेते हैं |

7 . आज्ञा चक्र का जागरण होने से मनुष्य के अन्दर सभी शक्तियां जाग पड़ती हैं और मनुष्य एक सिद्धपुरुष बन जाता है। अतः जब इस चक्र का हम ध्यान करते हैं तो हमारे शरीर में एक विशेष चुम्बकीय उर्जा का निर्माण होने लगता है उस उर्जा से हमारे अन्दर के दुर्गुण ख़त्म होकर, आपार एकाग्रता की प्राप्ति होने लगती है।

8 . यही चक्र ऐसा है जिसपर ध्यान करने से जीवन परिवर्तन सम्भव है,,जीवन मे अलौकिक शक्तिया अनुभव होने लगती हैं |

9 . आज्ञा चक्र ही मात्र एक मात्र चक्र है जिसके जाग्रत होने पर आप ब्रह्मांड की अनन्त ऊर्जा से एक हो सकते है इसे हम परमात्मा की पारलौकिक संसार का प्रवेश द्वार कह सकते है,,यहाँ जो आपके अनुभव होंगे वे अनुभव बाकि नीचे के चक्रो में कभी नही हो सकते,,यहाँ इस चक्र पर जब ऊर्जा पहुचती है तभी आप गहरे ध्यान में व समाधि में उतर सकते है और अनन्त आनन्द,, अनन्त ऊर्जा का अनुभव कर सकते है | आज्ञा चक्र साधना विधि – आज्ञा चक्र छठा मूल चक्र है। ध्यान करने से आज्ञा चक्र होने का अभास होता है आग्या का अर्थ है आदेश। आज्ञाचक्र भौंहों के बीच माथे के केंद्र में स्थित होता है। यह भौतिक शरीर का हिस्सा नहीं है लेकिन इसे प्राणिक प्रणाली का हिस्सा माना जाता है। हिंदू इस स्थान पर श्रद्धा दिखाने के लिए सिंदूर लगाते हैं । अजना चक्र पीनियल ग्रंथि है।, जो आकाश तत्त्व को समाहित किये हुए है आज्ञा चक्र : स्थिति यह शरीर का छटवाँ चक्र है। आज्ञा चक्र दोनों आँखों के बीच में स्थित है , 2 पंखुरियों वाला यह ” बैगनी रंग ” का है।

मंत्र : — ” ॐ ”

===========

आज्ञा चक्र को संतुलित करने के उपाय

==========================

अगर आप आज्ञा चक्र को संतुलित कर लेते है, तो अनेक समस्याओं का अपने आप समाधान हो जाता है , इसकी विधियाँ निम्न लिखित है |

1 . चक्र ध्यान

===========

सर्वप्रथम किसी भी आसन में बैठ जाये, या पीठ के बल लेट जाएँ , फिर नौ बार लम्बी गहरी साँस लें , फिरआज्ञा चक्र पर ध्यान लगाये और यूट्यूब पर आज्ञा चक्र ध्यान साधना की ध्वनि को चालू करके , उस ध्वनि को आज्ञा चक्र पर महसूस करें |

अवधि –

=====

कम से कम 27 मिनिट ध्यान करें , इसके अलावा आप यह साधना 108 , 54 , 45 मिनिट्स भी कर सकते है | जितना ज्यादा ध्यान करेंगे उतना ज्यादा लाभ होगा |

2 . चक्र साधना –

आज्ञा चक्र को संतुलित करने का ध्यान और साधना अलग अलग है | ध्यान के आपको आज्ञा चक्र पर सिर्फ ध्यान लगाना है, और धवनि महसूस करनी है, वही साधना में आपको “” ॐ “” मंत्र के विडिओ को यूट्यूब पर चालू करके मंत्र को साथ -साथ आपको दोहराना है, और आज्ञा चक्र पर चोट करना है | { आज्ञा चक्र को खीचने और छोड़ने की क्रिया करें }

अवधि –

कम से कम 21 दिन और अधिकतम 3 माह तक इस साधना को करने से मनवांछित परिणाम मिलते है |

वैज्ञानिक विश्लेषण –

=============

आज्ञा चक्र , आकाश , उदान प्राण तत्व , की फ्रीक्वेंसी के आधार पर यह प्राण ऊर्जा साधना और ध्यान बनाया गया है, इस वाइब्रेशन पर बहुत अद्भुत और चामत्कारिक परिणाम प्राप्त होते है | आज्ञा चक्र के असन्तुलन की वजह से बीमारी से पीड़ित अनेक लोग , एक – दो दिन में ही ठीक होते देखे गये है |

Energetic Effects of Ajna Chakra Sadhna

==============================

Return to spiritual order. Awakening of Intrution . Raising awairness. Activation of pineal gland Harmonal balance weather Sensitivity Brain Tumor, Cataracts, Deafness, Dyslexia, Insomnia, Far-sightedness, Short-sightedness, Sinus Problems, Tension Headaches, Allergies, Crossed eyes, Deafness, Earache, Fainting spells, Certain cases of blindness, Astigmatism, Cataracts, Glaucoma, Exotropia, scalp related problems, blood supply to the head, Cancer, Nervousness, Anxiety disorders, Insomnia, High blood pressure, Migraine headaches Nervous Breakdowns, Amnesia, Chronic tiredness, Dizziness, Hormonal imbalances, Growth or development issues, Body-image disorders. Alzheimer’s, Depression, Dizziness, Epilepsy, Multiple Sclerosis, Paralysis, Parkinson’s Disease, Schizophrenia, Immune system disorders, Cancers, Bone disorders, Nervous system disorders, Learning disorders or difficulties, Multiple personality disorder, Neurosis, Psychosis, Headache, Dizziness Migraine headaches Insomnia.