घुटनों की समस्या का पानी से उपचार Part 2 { Cure joints problem through Water Therapy Part 2 }
योगी योगानंद { अध्यात्म , योग गुरु एवं प्राकृतिक चिकित्सक }
1. भोजन के समय पानी पीना , जहर पीने के समान है, भोजन के समय जठराग्नि प्रदीप्त होती है, ठंडा पानी पीने से ऊर्जा जो भोजन पचाने का कार्य करती है, वह शरीर के तापमान संतुलन के कार्य में लग जाती है और भोजन पाचन का कार्य ठीक से नहीं हो पाता | शरीर में दो कार्य होते है, पहला Digestion अर्थात पाचन और दूसरा fermentation अर्थात सड़ना | भोजन के समय पानी पीने से जठराग्नि के शांत होने से भोजन सड़ने लगता है , जो अनेक बीमारियों का कारण बनता है |
2. पानी हमेशा घूंट घूंट करके पीना चाहिए ताकि उसमे लार मिल जाये , और पानी शरीर के अनुकूल बन जाये | इससे पानी के समस्त दोष ठीक हो जाते है |
3 . हमेशा बैठकर घूंट घूंट पानी ही पीना चाहिए , अन्यथा जोड़ों की समस्या उत्पन्न हो जाती है |
4 . पानी हमेशा शरीर के तापमान के बराबर ही होना चाहिए ,
ठंडा पानी , भोजन के समय आइसक्रीम , कोल्ड ड्रिंक बहुत नुकसानदायक होते है | इससे ह्रदय रोग , कोलेस्ट्रॉल , ब्लड प्रेसर , एसिडिटी , बबासीर , गैस्ट्रिक , कब्ज की समस्या होने की सम्भावना प्रबल हो जाती है
5. लाल रंग की बॉटल में पानी भरकर सूर्य की रोशनी में रखें और उस पानी को पिए , ऐसा सात दिन तक करने से जोड़ों के दर्द से राहत मिलती है |
6 . पानी को चुम्बक पर आठ घंटे तक रखकर उस पानी को पीने से जोड़ों की समस्या ठीक हो जाती है |
7 .पिरामिड बनाकर उसके अंदर रात भर पानी रखकर , उस पानी को पीने से जोड़ो की तकलीफ ठीक होती है |
8 . मंत्रो , रत्नों , प्राण ऊर्जा , सद विचार , रैकी से उर्जित पानी को पीने से सभी प्रकार की बिमारियों में लाभ मिलता है |
9 . ताम्बे के बर्तन में रात भर रखे पानी को पीने से जोड़ों की तकलीफ ठीक होती है |
10. पानी से इलाज –
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अगर आप खड़े होकर ,गट -गट करके जल्दी जल्दी पानी पीते है, तो आपको घुटनों के दर्द के साथ अनेक प्रकार की बिमारियों से ग्रसित होने की प्रबल सम्भावना है, और विश्व का कोई भी व्यक्ति आपको ठीक नहीं कर सकता, हम स्वयं अपने मित्र और शत्रु है | हमारे शरीर के भार का 70 प्रतिशत भाग जल का होता है, आपने कभी गौर किया कि जो हम पानी पीते है, वो हमारे लिए कही जहर का कार्य तो नहीं कर रहा है | अगर अभी तक बेखबर रहे है तो अब खबरदार हो जाएँ ,| दूसरे दिन मेने बताया था, कि हमारा भोजन दो प्रकार का होता है, पहला ऐसिडिक अर्थात तेजाबी और दूसरा अल्कालाइन अर्थात छारीय |
नॉवेल पुरस्कार प्राप्त वैज्ञानिक डॉ. ओट्टो वानवर्ग लिखते है, कि घुटनों की समस्या , कैंसर सहित 1000 प्रकार की बीमारियाँ ऐसिडिक भोजन से ही उत्पन्न होती है |
भूमि के प्रदुषण , वृक्षों की अंधाधुंध कटाई और फ्लोराईड के कारण अनेक शहरो का पीने का पानी ऐसिडिक हो गया है, जो कैंसर सहित अनेक बीमारियों का कारण है,
{ हम जो पानी पीते है, वो ऐसिडिक है या एल्कलाइन इसकी जाँच की बहुत सरल विधि है, और घर में ही आप कैसे एल्केलाइन वॉटर बना सकते है, इसकी कभी हम बाद में चर्चा करेंगे }
प्रकृति ने ऐसी व्यवस्था की है की अगर हम बैठकर ,घूट घूट पानी पीते है तो मुँह में उपलब्ध लार उसमे मिलकर उसे एल्कलाइन बना देती है, जिससे सभी प्रकार की बीमारियाँ स्वत; ठीक होने लगती है.| ऐसा करने से घुटनों की तकलीफ एक सप्ताह में 2 5 से 30 प्रतिशत तक कम हो जाती है |
11 . दूसरी विधि – जल को दिव्य औषधि बनाना–
जल एक जीवित वस्तु है , जिसे आप दिव्य औषधि बना सकते है | यह हमारे धार्मिक ग्रन्थों में सदियों से वर्णित है | परन्तु जापान के वैज्ञानिक मसारू इमोटो में वैज्ञानिक आधार पर इसे सही साबित कर दिया , उन्होंने पानी के सामने अच्छे अच्छे शब्द कहे पानी से सामने प्रार्थना की और देखा की पानी की क्रिस्टलीय संरचना हीरे के समान चमकदार हो गयी , और इस पानी को पीने से अनेक प्रकार की बीमारियाँ ठीक हुयी , जबकि दूसरी ओर पानी के सामने निरर्थक शब्द कहे और देखा की पानी की संरचना बहुत ख़राब हो गयी | { इसका वीडियो आपको भेजा जा रहा है } अगर आप भी पानी के सामने हाथ जोड़कर प्रार्थना करें , और अपनी बीमारी से मुक्त करने का आग्रह करे तो इसके चमत्कारिक परिणाम आपको देखने को मिलेंगे | जब हम प्रार्थना करते है तो हमारी हथेलियों से प्रति सेकंड 36 सर्किल प्राण ऊर्जा निकलने लगती है जो सामान्य अवस्था में 4 सर्किल प्रति सेकंड निकलती है | यह ऊर्जा हमारे शरीर में प्रवेश करके शारीरिक , मानसिक और आध्यात्मिक रूप से स्वस्थ बनाती हैं |