घुटनों की समस्या – शोधन तकनीक – चमत्कारिक परिणाम
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यह प्रकृति का नियम है , कि मनुष्य की प्राणशक्ति { जीवनी शक्ति } उसे निरोग रखने के लिए किसी भी रूप में एकत्र हुए विषैले पदार्थों को बाहर निकालने की कोशिश करती रहती है |
संत विनोबा भावे के अनुसार रोग निवारण की दृष्टि से शोधन का प्रथम स्थान है , जिसे पंचकर्म ,या आधुनिक युग में प्राकृतिक चिकित्सा कहा जाता है | अम्लीय पदार्थों ,अनियमित जीवन शैली , व्यायाम का अभाव , मिलावटी भोज्य पदार्थों एवं कृषि में अंधाधुंध रासायनिक खाद और कीटनाशकों के प्रयोग के चलते शरीर में तेजी से विषैले पदार्थ एकत्रित हो जाते है, जो शरीर स्वाभाविक रूप से बाहर नहीं निकल पाता और ये जोड़ों , अस्थियों , रक्त में जमा हो जाते है, और जोड़ो की समस्या का कारण बनते है, यह हमारा दुर्भाग्य है, कि जो हम विदेशी चिकित्सा अपनाते है, उसमे शरीर के शोधन की कोई व्यवस्था नहीं है , उल्टा इनके पाए जाने वाले जहरीले केमिकल शरीर में और अधिक विषैले पदार्थ एकत्रिक करके और अधिक तकलीफ बढ़ा देते है डॉ.. रैम्जे ने लिखा है – वर्तमान चिकित्सा पद्धति अस्पस्ट , खोखली ,और असंगत कल्पनाओं का संग्रह मात्र हैं , हमारी कोई भी दवा किसी को भी लाभ नहीं पहुँचाती ,यही नहीं यह रोगों को और अधिक बदतर बना देती है , अगर सभी एलोपैथी दवाएं समुद्र में फेंक दी जाएँ, तो यह मानव जाति को सबसे ज्यादा हितकारी होगा, परन्तु समुद्री जीव जंतु जरूर मर जायेगे | हम अपने बाहरी शरीर की तो हर दिन सफाई करते है, परन्तु कभी आंतरिक सफाई पर ध्यान नहीं देते , आज में आपको ऐसी अद्भुत ,चमत्कारिक शोधन तकनीके { Cleanging Techniques } बताने जा रहा हूँ , जिनमे से किसी को भी आप अपनाकर कुछ ही दिनों में अपनी घुटनो की समस्या से छुटकारा पा सकते है |
शोधन तकनीक , योग, आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा की प्रमुख विधि है, जिनके माध्यम से शरीर से विजातीय तत्वों को निकाल बाहर किया जाता है, इन्हें अपनाकर आप अपने घुटनों की समस्या ही नहीं, बल्कि सभी बीमारियों से निजात पा सकेंगे |
आप किसी भी तकनीक को अपना सकते है
पहली तकनीक –
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1 . नंगे पैर जमीन पर चलना —
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पृथ्वी में अद्भुत चमत्कारिक शक्ति है, इससे हमें प्राण वायु , भोजन , पानी ,आवास जैसी बुनियादी आवश्यक चीजें प्राप्त होती है, जिनके बिना जीवन संभव नहीं है, इस प्रकार ये हमारी माँ है, जिससे हमने दूरी बना ली है , आधुनिक जीवन शैली के चलते हम न तो जमीन पर बैठते है, न सोते है, और न ही संपर्क में रहते है, घरों को हमने सुन्दर सुन्दर टाइल्स से सजा कर रखा है , जिसके दुष्प्रभाव हमें बीमारियों के रूप में देखने को मिल रहे है, पृथ्वी पुरष्कार भी देती है और दण्ड भी | आपने कभी विचार किया कि हॉस्पीटल , डॉक्टर बढ़ते जा रहे है, हर दिन नयी-नयी दवाओं का अविष्कार हो रहा है, फिर भी बीमारियाँ कम होने की बजाय बढ़ती जा रही है, मतलब साफ है, हम अपनी जननी से दूर हो गए है, | प्रसिद्ध प्राकृतिक विज्ञानी एडवर्ड जस्ट जिन्होंने return to nature पुस्तक लिखीं { यह पुस्तक हिंदी में भी है, जो आपको ग्रुप में भेजी जा रही है } , जिसे पढ़कर गाँधी जी ने एक दिन मिटटी की पट्टी पेट पर रखी और उन्हें चार साल पुरानी कब्ज़ से एक बार में ही मुक्ति मिल गयी | एडवर्ड जस्ट लिखते है,कि दुनिया में 12600 प्रकार की बीमारियों की ख़ोज की जा चुकी है, जिनमे से 10,000{दस हजार }
प्रकार की बीमारियाँ पृथ्वी पर नंगे पैर चलने से ठीक हो जाती है |
आप प्रतिदिन 30 मिनिट नंगे पैर जमीन पर चले और खुद चमत्कार देखें , { मेरे तीन दिन में डायबिटीज { जिनकी शुगर कभी 500 से कम नहीं होती थीं } और 30 दिन में किडनी के मरीज { जिनकी डॉयलेसिस शुरू होने जा रही थी } ठीक होते देखे है |
पृथ्वी पर चलने से आपको तीन फायदे होगे
1 . पृथ्वी से पंच तत्व मिलेंगे , जिससे सभी प्रकार की बीमारियां ठीक होगी, क्योंकि पंच तत्त्व के असंतुलन से सभी बीमारियां होती है ||
2 . पृथ्वी पर नंगे पैर चलने से पृथ्वी सभी विषैले तत्व आपके शरीर से खींच लेगी , कोई भी सड़ी गली वस्तु पृथ्वी में गाड़ने से पृथ्वी उसे अपने जैसा अनमोल बना देती है |
3. पृथ्वी से प्राण ऊर्जा मिलती है, जो शरीर से सभी बीमारियों को समाप्त करके निरोग बनाती है |
Technique 2 –
एप्सम साल्ट { Epsom salt }-
एप्सम साल्ट {यह सेंधा नमक नहीं है ,इसे मैग्नेसियम सल्फेट के नाम से जानते है } इसको बाथ टब में गुनगुने पानी में मिलकर 20 मिनिट तक उसमे लेटकर नहाने से शरीर के विषैले पदार्थ निकल जाते है | अगर टब उपलब्ध नहीं है, तो एक बाल्टी में गुनगुना पानी भरकर उसमें एप्सम साल्ट ड़ालकर उसमे पैर डालकर बैठें ,और घुटनों पर लगातार गुनगुना पानी डालते रहें | अगर बाल्टी की भी सुविधा नहीं है, तो आप गुनगुने पानी में एप्सम साल्ट डालकर एक तोलिये को गीली करके उसे घुटनों पर रखकर जोड़ो को ठीक कर सकते है | नोट – एप्सम साल्ट आपको केमिस्ट की दुकान पर मिल जायेगा |
Technique 3
सेब साइडर सिरका (Apple Cider Vinegar) —
सेब का सिरका भी जोड़ों के दर्द से राहत देने में बहुत अच्छा असर दिखाता है। यह जोड़ों के दर्द और सूजन से राहत देता है। किसी कपड़े को सेब के सिरके में भिगोकर दर्द वाले स्थान पर लपेंटें और कुछ घंटों के लिए छोड़ दें। दिन में दो बार इस विधि को करें। दो कप सेब साइडर सिरका को गुनगुने पानी में डालकर नहाया भी जा सकता है। एक गिलास पानी में कच्चा सेब साइडर सिरका और शहद मिलाकर पीने से भी लाभ होता है।
Technique 4 —
शरीर को करे विषैले तत्वों से मुक्त
सामग्री :-
एप्सम नमक – Epsom Salts
बेंटोनाइट मिट्टी – Bentonite Clay
ACV – Apple Cider Vinegar
गर्म पानी
विधि :-
गर्म पानी में एप्सम नमक डाल दें |
जब तक पानी ठंडा हो रहा है दूसरी तरफ आप 2 चमच Bentonite clay और 1 चमच ACV मिक्स करे और इस मिश्रण की परत आपने पैरो पर लगाये और 10 मिनटों तक सूखने दें |
अब आपका नमक वाला पानी नार्मल तापमान तक आ गया होगा और अपने पैरो को इस पानी में 15 मिनटों तक भिगों कर रखें |
जब तक आप आपने पैरो को धोएंगे आपका शरीर विषैले तत्वों से मुक्त हो जाएगा |
आजकल की निष्क्रिय जीवन शैली के कारण हमारे शारीर में खून का संचालन कम होता है ख़ास कर टखनो, पांवों और टांगो के निचले हिस्से में | जिस के कारण बहुत सारे विषैले तत्व हमारे शरीर में जमा हो जाते हैं जो आगे चलकर बीमारियों की वजह बनते हैं |
Technique 5
क्लींजिंग पैड
इस समस्या का समाधान है पैरों के नीचे लगाने वाला क्लींजिंग पैड { Detoxifying pad} ये आपके शारीर में खून और लसीका के बहाव में मदद करता है , संवेदनशील बिंदुओं को उत्तेजित करता है और शरीर से विषैले तत्वों को सोख लेता है |
क्लींजिंग पैड {Detox Pad }चिपकाए जाने वाले पैड होते हैं जिन्हें आप शाम को सोने से पहले शरीर से विषैले तत्वों को निकलने के लिए पांव के नीचे लगा सकते हैं | आप ये पैड बाज़ार से भी खरीद सकते हैं मगर इनकी कीमत हमेशा कम नही होती दूसरा तरीका ये है के आप अपना फुट पैड (Foot Pad) घर में बनाये | Foot Detox
Detox पैड बनाने का तरीका:
• चिपकने वाला कपडे का पैड (Self-stick gauze pads)
लहसुन (garlic)
प्याज़ (onion)
पानी (water)
मोज़े (socks)
सबसे पहले लहसुन और प्याज़ को बारीक़ काट लें, एक केतली में थोड़ा सा पानी डालें और इसे उबाल लें, फिर लहसुन और प्याज डालें और फिर 10 मिनट के लिए और उबाल लें |
इस घोल को ठंडा होने के बाद चिपकने वाले कपडे के पैड (Self-stick gauze pads) पर डाल कर अपने पैरों के तलवों पर चिपका लें और ऊपर से मोजे पहन लें |
अगली सुबह आप प्रभाव देखेंगे, पैड आपके के शरीर के विषाक्त पदार्थों से काला हो जाएगा ।
क्लींजिंग पैड { Detox pad } के प्रभाव –
1. . विषाक्त पदार्थों का निष्कासन और शरीर की सफाई करता है, जिससे दर्द तेजी से काम होने लगता है |
2. पूरे शरीर पर रोग निवारक प्रभाव डालता है |
3. संवेदनशील बिंदुओं को उत्तेजित करता है |
4. शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाता है |
5. शरीर की कार्य प्रणाली को मजबूत बनाता है |
6. आप की जीवन शैली में बदलाव ला कर आप को ज्यादा उर्जा पर्दान करता है |
आप को बिमारियों से बचाता है |
Technique 6 निरामय साबुन
निरामय साबुन — आजकल बाजार में जो नहाने के साबुन उपलब्ध है, उनमे
लोरियल सल्फेट मिलाया जाता है, जो जानवरों की चर्बी से बनता है, ऐसी साबुन से नहाने पर त्वचा के रोम छिद्र इसकी चिकनाई से बंद हो जाते है, फलस्वरूप विषैले तत्त्व शरीर से बाहर नहीं निकल पाते , और जोड़ों की बीमारी का कारण बनते है, निरामय साबुन एक हर्बल जड़ी बूटियो और भस्मों से बनायीं गयी साबुन है, जिससे निम्न लिखित लाभ होते है
1. इस साबुन से नहाने से शरीर के विषैले तत्व बाहर निकल जाते है, |
2 . नकारात्मक ऊर्जा समाप्त हो जाती है | जिससे मानसिक लाभ होता है |
3. शरीर में प्राण ऊर्जा की बृद्धि होती है, जिससे शरीर की समस्त बिमारियों में लाभ मिलता है |
4 . शरीर के दर्द में फायदा मिलता है |
5 . त्वचा सम्बन्धी रोगों में फायदा मिलता है |
6. बालों का गिरना, डेन्ड्रफ , त्वचा का कालापन आदि में तुरंत लाभ मिलता है |
नोट – 1 शोधन विधियों को अपनाने के कुछ समय बाद आपकी पीड़ा बढ़ सकती है, ऐसा शरीर से विजातीय तत्त्व निकलने के कारण होता, इससे घबराये नहीं | यह ठीक होने का प्रथम लक्षण है |
2 . अगर आपको बताई गयी सामग्री को मिलने में कठिनाई महसूस हो तो बिना झिझक हमें लिखे, आपको सामग्री भेज दी जाएगी |