प्राणयोग द्वारा घुटनों के दर्द से मुक्ति — तुरंत आराम पाएं
=========================
प्राण योग चिकित्सा फ्रीक्वेंसी , एनर्जी ,और वाइब्रेशन पर आधारित है, इसमें ध्वनि को चक्रों और पंच तत्वों की फ्रीक्वेंसी , शरीर की असंतुलित हो चुकी प्राण ऊर्जा और सम्बंधित अंग विशेष के वाइब्रेशन पर निर्धारित करके ध्यान संगीत के माध्यम से पीड़ित व्यक्ति को दिया जाता है | यह चिकित्सा आंतरिक अंगो पर एक्यूप्रेशर का कार्य करती है | यह दुष्प्रभाव रहित भारतीय चिकित्सा पद्धति है, इस चिकित्सा में चक्रों का संतुलन , ऊर्जा का परिमार्जन, और पञ्च तत्वों का संतुलन सब साथ – साथ किया जाता है | प्राण ऊर्जा पर आधारित यह चिकित्सा अत्यंत प्रभावी है , इसमें ध्वनि तरंगों द्वारा प्राण तत्त्व को पुन: स्थापित करके , शरीर में ऊर्जा का संतुलन किया जाता है, फलस्वरूप शरीर स्वत: हीलिंग प्रक्रिया शुरू कर देता है |
विधि –
=======
सबसे पहले किसी शांत स्थान पर बैठे , सारे शरीर को शिथिल करते हुए , नाभि से खींचते हुए 12 बार लम्बी गहरी साँस लें | फिर शरीर को शिथिल करते हुए , आँखे बंद करके , अस्थि आरोग्य प्राण ऊर्जा ध्वनि को अपने दर्द वाले स्थान पर महसूस करे | इसी दौरान पारस मुद्रा 30 बार करें , पारस मुद्रा की लिंक यहाँ दी जा रही है |
चित्र और वीडियो में दिए गए निर्देशों के अनुसार पारस मुद्रा दिन में तीन बार , तीस -तीस बार करने से घुटनो के ऑप्रेशन के लिए जा रहे मरीज भी चमत्कारिक रूप से ठीक हुए है , इस मुद्रा को करते ही आराम लगना शुरू हो जाता है | इस मुद्रा को करते समय ” ॐ नमाय : शिवाय का जाप जरूर करें | फिर आँखे खोलकर हाथों को आपस में रगड़कर दर्द वाले स्थान पर 2 मिनिट्स तक दोनों हाथों की मध्यमा अंगुली { Middle Finger } और अनामिकाअंगुली { Ring Finger } को प्राण ऊर्जा दें { मध्यमा अंगुली और अनामिका अंगुली पर मसाज करें } | अब आपको दर्द में तेजी से सुधार होता हुआ दिखाई देगा | यह आपको 21 दिन तक करना है, दिन या रात , सुबह या शाम किसी भी समय कर सकते है | सोते , जागते , चलते फिरते किसी भी अवस्था में किया जा सकता है |
समय – कम से कम 21 मिनिट्स |
अवधि – 21 दिन तक |
जोड़ों की समस्या का अन्य घरेलु समाधान — योगी योगानंद {अध्यात्म ,योग गुरु }
=================================================
1 . गठिया का इलाज – आँवला , मैथी , अजवायन , छोटी हरड़ सभी का पाउडर बनाकर , उसने सेंधा नमक मिलाकर सुबह -शाम आधा चम्मच महीने भर लेने से गठिया ठीक होता है |
2 . घुटनों में लिक्विड समाप्त हो जाना
एक कप गुनगुने पानी में तीन चम्मच एप्पल साइडर विनेगर तथा 1 चम्मच शहद मिलकर 40 दिन तक दिन में तीन बार पीने से घुटनों में समाप्त हुआ सायनोवियल फ्लूड बनना शुरू हो जाता है | घुटनों की सायनोवियल कम होने के निम्न लिखित कारणों को दूर करने का प्रयास करें | रात को जागने की आदत अधिक चिंता करना गिरने से चोट लगना अधिक वजन होना कब्ज रहना खाना जल्दी-जल्दी खाने की आदत फास्ट-फूड का अधिक सेवन तली हुई चीजें बहुत ज्यादा खाना कम मात्रा में पानी पीना या खड़े होकर पानी पीना बॉडी में कैल्शियम की कमी
3 . घुटनों में सूजन आना
भोजन में दालचीनी, जीरा, अदरक और हल्दी का उपयोग ज्यादा से ज्यादा करें। गर्म तासीर वाले इन पदार्थों के सेवन से घुटनों की सूजन और दर्द कम होता है। दालचीनी की छाल का चूर्ण तैयार कर एक कप पानी के साथ लगभग 2 ग्राम चूर्ण मिलाकर प्रतिदिन सुबह भोजन के बाद लिया जाए तो जोड़ दर्द में तेजी से आराम मिलता है और सूजन ठीक होती है | करीब 8-10 लहसुन की कलियों को तेल या घी के साथ फ्राई कर लिया जाए और खाने से पहले चबाया जाए तो जोड़ दर्द में तेजी से आराम मिलता है, ऐसा प्रतिदिन किया जाना चाहिए। लहसुन की कलियों को सरसों के तेल के साथ कुचलकर गर्म किया जाए और कपूर मिलाकर जोड़ों या दर्द वाले हिस्सों पर लगाकर मालिश की जाए तो भी तेजी से आराम मिलता है।
4 . घुटनों में गर्माहट रहना या जलन पड़ना –
मेथी दाना, सौंठ और हल्दी बराबर मात्रा में मिला कर तवे या कढ़ाई में भून कर पीस लें। रोजाना एक चम्मच चूर्ण सुबह-शाम भोजन करने के बाद गर्म पानी के साथ लें।
5 . कार्टिलेज का टूटना या घिस जाना
रोज सुबह खाली पेट, तीन चम्मच देसी चना , एक चम्मच मेथी अंकुरित करके खाने से कार्टिलेज की समस्या का समाधान हो जाता है | आप सुबह खाली पेट लहसुन की एक कली दही के साथ खाएं। अलसी के दानों के साथ दो अखरोट की गिरी सेवन करने से जोड़ों के दर्द में आराम मिलता है।
6 . घुटनों में गैप आना
गेहूँ के दाने के आकार के बराबर चूना दही या दूध में घोलकर दिन में एक बार खाएं। इससे अगर घुटनों की तकलीफ नई नई है तो 6 -7 दिन में ही घुटनों का दर्द ठीक हो जाता है, अगर ज्यादा समय से समस्या है तो इसे 90 दिन तक लेने से कैल्शियम की कमी दूर होगीऔर घुटनों में आया गैप प्राकृतिक रूप से ठीक होगा |
7 . लिगामेंट का टूट जाना –
दालचीनी,अननास, ओटमील, संतरे का जूस, बादाम, शहद आदि को मिलकर ज्यूस बनाकर तीस दिन तक पीने से लिगामेंट की समस्या से निजात मिलती है | प्राण ऊर्जा से लिगमेंट का इलाज संभव है , अनेक मरीजों को तुरंत एक मिनिट में ही पूरी तरह ठीक होते देखा गया है |
8 . जोड़ों में कड़ापन आना –
50 ग्राम पालक , 50 ग्राम पार्शली पांच गाजर , एक आँवला , 10 ग्राम पुदीना , 50 ग्राम लौकी ,एक मूली , एक टमाटर को लेकर जूस बनाये , यह जोड़ों का कड़ापन ख़तम करके जोड़ो में लोचकता प्रदान करता है, और जोड़ो से यूरिक एसिड को बाहर निकलता है |
9. रीढ़ की अस्थि की समस्या –
अगर ऱीढ़ की अस्थि में समस्या है, तो तीन माह तक , चने के दाने बराबर चूना तीन माह तक दूध में डालकर दिन में एक बार पिए | नमक , शक्कर और रिफाइन ऑइल के स्थान पर सेंधा नमक , मिश्री और कच्ची घानी के तेल का ही प्रयोग करें |
निर्देश –
1 . समुद्री नमक { आयोडीन युक्त } के स्थान पर सेंधा नमक का प्रयोग करें |
2 . शक्क्कर के स्थान पर गुड़ का प्रयोग करें |
3.रिफाइन तेल का प्रयोग बिलकुल न करें , सिर्फ फ़िल्टर या कच्ची घानी के तेल का प्रयोग करें |
4 . एप्सम साल्ट { मैग्नेसियम सल्फेट } को गुनगुने पानी में डालकर उस पानी को 30 बार घुटनों पर डालें |