यह प्राण योग ध्यान ध्वनि तरंगों के माध्यम आपकी प्राण शक्ति में वृद्धि करती है, जिससे प्राण और उदान नामक प्राण संतुलित होने से मस्तिष्क में उत्पन्न होने वाले Endorphins , Serotonin, Dopamine, Oxytocin आदि हार्मोन्स का उत्पादन, और संतुलन होने लगता है | { इन सभी को हैप्पी हार्मोन्स के नाम से जाना जाता है } जिससे व्यक्ति के विकार दूर होकर उसे आत्मिक आनंद की अनुभूति होने लगती है | प्राण योग द्वारा ध्वनि तरंगो के माध्यम से ह्रदय और विशुद्धि चक्र को संतुलित किया गया है, जिससे ह्रदय सम्बन्धी समस्त विकार दूर होते है, विशुद्धि चक्र के संतुलन से वाणी सम्बन्धी दोष दूर हो जाते है | प्राण योग ध्यान आपके मस्तिष्क में अल्फ़ा तरंगो को बढ़ा देता है, जिससे व्यक्ति को शान्ति ,आनन्द की प्राप्ति और तनाव से मुक्ति मिलती है | ये मैडिटेशन तरंगे आंतरिक अंगो में एक्युप्रेशर का कार्य करती है |

साधना विधि –

======

प्राण योग ध्यान को सुनना शुरू कीजिये ,सीधे आसमान की तरफ मुँह करके लेट जाएँ हथेलियां आसमान की तरफ अधखुली हो , शरीर को शिथिल छोड़ दीजिये , आँखे बंद कीजिये , अब जोर जोर से साँस लेना और छोड़ना शुरू कीजिये , ऐसा छह मिनिट तक करना है, अब कल्पना कीजिए , प्राण ऊर्जा आपके शरीर में आ रही है , जो आपकी चिंता , तनाव सहित समस्त समस्याओं को ठीक करने जा रही है , फिर शरीर को शिथिल छोड़ दें , प्राण योग ध्यान मैडिटेशन की ध्वनि को आपने आज्ञा चक्र { माथे पर दोनों आँखों के बीच } पर 9 मिनिट तक महसूस करे | अब आँखे खोल लीजिये , आप अपने आप को एक नयी दिव्य ऊर्जा से परिपूर्ण पायेगें | और चिन्ता और तनाव से भी आप मुक्त हो चुके है |