वैज्ञानिक व्याख्या
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प्राण योग आपके चक्र { अन्त स्त्रावी ग्रंथियों } से निकलने वाले हार्मोन्स को नियंत्रित करता है, फलस्वरूप आप हमेशा युवा जवान दिखाई देने लगते है , प्राण योग आपके मस्तिष्क से निकलने वाली अल्फ़ा , बीटा , डेल्टा तरंगो को बढ़ा देता है, फलस्वरूप आप शांत , ऊर्जावान और तरोताजा महसूस करते है, प्राण योग ध्यान की तरंगे आपके आंतरिक अंगो पर एक्यूप्रेसर की तरह कार्य करती है, फलस्वरूप नयी कोशिकाओं का निर्माण होने से लम्बे समय तक युवा और अनेक बीमारियों से बचे रहते है |
विधि
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प्राण योग ध्यान को सुनना शुरू कीजिये ,सीधे आसमान की तरफ मुँह करके लेट जाएँ हथेलियां आसमान की तरफ अधखुली हो , शरीर को शिथिल छोड़ दीजिये , आँखे बंद कीजिये , अब दाएं हाथ के अंगूठे से अपनी दांयी नाक के नथुने को बंद कीजिये , और बाएं नथुने से साँस खींचते हुए यह कल्पना कीजिये की प्राण ऊर्जा आपके शरीर में आ रही है , जो आपको लगातार युवा बनाये रखने सहित, समस्त समस्याओं को ठीक करने जा रही है , साँस को रोककर रखिये , जब तक घबराहट न होने लगे , साँस को रोके रखिये , फिर जब बहुत ज्यादा तकलीफ होने लगे फिर दाएं नथुने से बाहर निकाल दीजिये | अब बाएं नथुने को अनामिका अंगुली से बंद कीजिये , दायें नथुने से साँस खींचिए , और रोक कर रखिये , जब तक आपको घबराहट न होने लगे , अब बाएं से छोड़िये , आपको जिस तरफ से साँस लेना है, उसके विपरीत तरफ से छोड़ना है , और जिस तरफ से आपने साँस छोड़ी है, उसी तरफ से आपको लेनी है | ऐसा 11 बार करें , हर बार ज्यादा देर तक साँस रोकने का अभ्यास करें , फिर शरीर को शिथिल छोड़ दें , प्राण योग ध्यान मैडिटेशन की ध्वनि को आपने सभी चक्रों पर 1 -1 मिनिट तक महसूस करे | अब आँखे खोल लीजिये , आप अपने आप को एक नयी दिव्य ऊर्जा से परिपूर्ण पायेगें | और हा, अपनी प्रतिक्रिया , देना न भूलें , मुझे इंतजार रहेगा |