योग में चक्र विज्ञानं रहस्यों का अद्भुत संसार
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महान वैज्ञानिक निकोलो टेस्ला ने लिखा है
“If you want to find the secrets of the universe, think in terms of energy, frequency and vibration.”
― Nikola Tesla

सम्पूर्ण संसार ऊर्जा से संचालित है, बिना ऊर्जा के इस ब्रम्हांड की कल्पना भी नहीं की जा सकती | प्राचीन भारत में हमारे ऋषि मुनियों ने चक्र की अवधारणा द्वारा मानव की समस्त समस्याओं के समाधान का हल हमें प्रदान किया है | समस्त शक्ति सिर्फ तीन अंको में निहित है, ये है – 3 , 6 और 9
तीन अंको में ही सृष्टि का सृजन और विनाश होता है | हर चक्र की एक निश्चित ऊर्जा होती है, उस ऊर्जा की फ्रीक्वेंसी द्वारा उस चक्र को संतुलित किया जा सकता है, और सम्बंधित समस्या का निदान हो जाता है |

1 . मूलाधार चक्र फ्रीक्वेंसी 396 – = 3 + 9 + 6 = 18 = 1 + 8 = 9

2 . स्वाधिष्ठान चक्र फ्रीक्वेंसी 417 – = 4 + 1 + 7 = 12 = 1 +2 = 3

3 मणिपुर चक्र फ्रीक्वेंसी 528 = 5 + 2 + 8 = 15 = 1 +5 = 6

4 अनाहत चक्र फ्रीक्वेंसी 639 = 6 + 3 + 9 = 18 = 1 +8 = 9

5 विशुद्धि चक्र फ्रीक्वेंसी 714 = 7 + 1 + 4 = 12 = 1 +2 = 3

6 आज्ञा चक्र फ्रीक्वेंसी 852 = 8 + 5 + 2 = 15 = 1 +5 = 6

7 सहस्रार चक्र फ्रीक्वेंसी 963 = 9 + 6 + 3 = 18 = 1 +8 = 3

सभी चक्रों की फ्रीक्वेंसी का जोड़ 3 , 6 , और 9 ही होता है, इन्ही में सम्पूर्ण रहस्य छिपा हुआ है, |


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