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प्राण योग की अद्‌भुत साधनायें – भाग 1 जो चाहें, वो पायें (वैज्ञानिक विश्लेषण सहित )

525.00 400.00

प्रकृति ने हमें अनेक अद्‌भुत, अलौकिक, रहस्यमयी शक्तियाँ प्रदान की हैं । जिनको अपनाकर हम अपने जीवन में जैसा चाहें वैसा सब कुछ प्राप्त कर सकते हैं , परन्तु यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमें अपनी इन रहस्यमयी, अलौकिक शक्तियों के विषय में कुछ पता नही होता , ईश्वर ने हमें यहाँ सम्राट बनाकर भेजा है, परन्तु हम यहाँ जिन्दगी भर भिखारी ही बने रहे । संपूर्ण संसार ऊर्जा से संचालित है, बिना ऊर्जा के जीवन की कल्पना भी नही की जा सकती , हमारे ऋषि मुनियों ने यह हजारों वर्ष पहले उदघोषित किया कि शूक्ष्म शरीर में स्थित आभा मंडल, पञ्च महाभूत तत्त्व, पंच कोश, पंच प्राण, सात चक्र की अवरूद्ध ऊर्जाओं को फ्रीक्वेंसी और बाइव्रेशन के माध्यम से संतुलित करके असंभव कार्यों को संभव किया जा सकता है। जिसे आधुनिक वैज्ञानिको ने अपने प्रयोगो से सही सिध्द कर दिया । ऐसी ही अनेक दुर्लभ रहस्यमयी साधनाओं को पहली बार योगी योगानंद ( योगेन्द्र मिश्रा )ने वैज्ञानिक विश्लेषण के साथ मानव कल्याण हेतु सृजित किया है । जिनसे व्यक्ति न केवल शारीरिक स्वास्थ्य, बल्कि मानसिक, आध्यात्मिक , सामाजिक स्वास्थ्य के साथ अपने जीवन मे , साधनाओं के माध्यम से मनवांछित फल प्राप्त कर सकते हैं ,और जीवन की सार्थकता सिद्ध करके स्वतः सभी समाधान प्राप्त कर सकते हैं l

Description

प्रकृति ने हमें अनेक अद्‌भुत, अलौकिक, रहस्यमयी शक्तियाँ प्रदान की हैं । जिनको अपनाकर हम अपने जीवन में जैसा चाहें वैसा सब कुछ प्राप्त कर सकते हैं , परन्तु यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमें अपनी इन रहस्यमयी, अलौकिक शक्तियों के विषय में कुछ पता नही होता , ईश्वर ने हमें यहाँ सम्राट बनाकर भेजा है, परन्तु हम यहाँ जिन्दगी भर भिखारी ही बने रहे । संपूर्ण संसार ऊर्जा से संचालित है, बिना ऊर्जा के जीवन की कल्पना भी नही की जा सकती , हमारे ऋषि मुनियों ने यह हजारों वर्ष पहले उदघोषित किया कि शूक्ष्म शरीर में स्थित आभा मंडल, पञ्च महाभूत तत्त्व, पंच कोश, पंच प्राण, सात चक्र की अवरूद्ध ऊर्जाओं को फ्रीक्वेंसी और बाइव्रेशन के माध्यम से संतुलित करके असंभव कार्यों को संभव किया जा सकता है। जिसे आधुनिक वैज्ञानिको ने अपने प्रयोगो से सही सिध्द कर दिया । ऐसी ही अनेक दुर्लभ रहस्यमयी साधनाओं को पहली बार योगी योगानंद ( योगेन्द्र मिश्रा )ने वैज्ञानिक विश्लेषण के साथ मानव कल्याण हेतु सृजित किया है । जिनसे व्यक्ति न केवल शारीरिक स्वास्थ्य, बल्कि मानसिक, आध्यात्मिक , सामाजिक स्वास्थ्य के साथ अपने जीवन मे , साधनाओं के माध्यम से मनवांछित फल प्राप्त कर सकते हैं ,और जीवन की सार्थकता सिद्ध करके स्वतः सभी समाधान प्राप्त कर सकते हैं l

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