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Triyog Vati { त्रियोग वटी }

300.00

त्रियोग वटी
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त्रियोग वटी , शरीर की अनेक समस्याओं के आसानी से उपचार के लिए बनाई गयी बहुउपयोगी आयुर्वेदिक दवा है , जो अनेक जड़ी बूटियों को मिलाकर बनाई गयी है | यह तुरंत असर दिखानी शुरू कर देती है | और अनेक असाध्य बीमारियों को जड़ से समाप्त करने में सक्षम है |

त्रियोग वटी के लाभ :
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शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है –
पुराने से पुराने मायग्रेन को ठीक करती है –
रक्त का शुद्धिकरण करती है, जिससे त्वचा सम्बन्धी रोग दूर होते है –
यह चेहरे पर निख़ार लाती है –
यह यकृत या लिवर को मजबूत बनाती है –
बबासीर को ठीक करती है |
पेट दर्द को समाप्त करती है, पाचन तंत्र को मजबूती देती है |
डायबिटीज के मरीजों के लिए यह बहुत उपयोगी है |
बुखार को दूर करने में विशेष उपयोगी है |
शरीर में आयी गांठों को ठीक करती है |
शरीर की सूजन कम करने में विशेष लाभकारी होती है |
शारीरिक व मानसिक कमजोरी को दूर करती है |
हाथ-पैरों की जलन को दूर करती है |
रक्त में आक्सीज़न की मात्रा को बढाती है, जिससे शारीरिक दर्द में आराम मिलता है |
गठिया रोग में यह विशेष उपयोगी है |
उच्च रक्तचाप में विशेष उपयोगी है |
यह कब्ज को ठीक करती है |
एसिडिटी और गैस्ट्रिक को जड़ से दूर करती है |
एग्जिमा ,सोरायसिस जैसे रोगों में इसकी विशेष भूमिका है |

वज़न – 100 ग्राम
मूल्य – 300 /-

त्रियोग वटी के संघटक -नीम वाली गिलोय , अमरबेल, सहजन पत्ती , पारिजात फूल ,को मिलाकर तैयार की गयी अद्भुत जड़ी बूटी है, जो अनेक बीमारियों से मुक्ति दिलाने के साथ ही आपकी रोग प्रतिरोधक शक्ति में वृद्धि करती है |
त्रियोग वटी में 9 प्रकार की बहु उपयोगी जड़ी बूटियां मिलायी जाती जाती है, जिनमे से कुछ इस प्रकार है –
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1
गिलोय, पृथ्वी की संजीविनी
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यह पृथ्वी की संजीविनी कहलाती है , साथ ही इसे अमृता भी कहा जाता है | यह डायबिटीज , कब्ज़ , एक्सिमा , रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाने , डेंगू , मलेरिया , सहित लगभग 250 प्रकार की बिमारियों को ठीक करने में सक्षम है |

गिलोय में एंटीऑक्सिडेंट गुण होते हैं, जो खतरनाक रोगों से लड़कर शरीर को सेहतमंद रखते है । गिलोय किडनी और लिवर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालती है और खून को साफ करती है।
गिलोय परजीवी पौधा होता है,अगर इसे नीम के पेड़ पर विकसित किया जाये तो यह सोने पर सुहागा का कार्य करती है,साथ ही इसकी शक्ति बहुत ज्यादा बढ़ जाती है,और अनेक मामलों में जैसे रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाना , डेंगू का इलाज , गठिया , डायबिटीज , ब्लड प्रेसर जैसे अनेक रोगो में इससे एक दिन में ही आराम मिल जाता है | नीम के पेड़ पर कम से कम 5 साल तक गिलोय को रहना चाहिए , तब इसके बहुत अच्छे चमत्कारिक परिणाम मिलते है | त्रियोग वटी में नीम वाली गिलोय ही प्रयोग में लायी जाती है |

2
अमरबेल , मतलब अमरत्व की प्राप्ति
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अमर बेल में प्रतिरोधक क्षमता होती है जो कि इसका एक विशेष गुण है जिसके कारण हमारे स्‍वास्‍थ के लिए बेहद फायदेमंद होती है। इसका सेवन करने से हमारे शरीर की प्रतिरोध शक्ति में वृद्धि होती है। और यह हमे विभिन्‍न रोगों से लडने में समर्थ बनाता है। यह हमारे शरीर को मजबूत और स्‍वस्‍थ बनाए रखने में मदद करता है। अमरबेल के इन अनोखे गुणों के कारण यह हमारे स्‍वास्‍थ के लिए फायदेमंद होता है। अमरबेल भी लगभग 200 प्रकार की बीमारयों में लाभदायक है |

3 पारिजात – समुद्र मंथन से प्राप्त वृक्ष
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हरसिंगार या पारिजात के गुण किसी से छुपे हुए नहीं है, मानव जाति को किसी भी संकट से बचाने के लिए , देवताओं ने इसे समुद्र मंथन से प्राप्त किया |
हरसिंगार के फूलों का पाउडर बनाकर खाने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बहुत तेजी से बढ़ती है और शरीर हर प्रकार के रोग से लड़ने में सक्षम होता है। इसके अलावा पेट में कीड़े होना, गंजापन, साइटिका , रक्त विकार , अस्थि रोग ,स्त्री रोगों में भी बेहद फायदेमंद है।

4 . मीठी नीम – वायरस / बैक्टीरिया का ख़ात्मा
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मीठी नीम अनेक प्रकार के बैक्टीरिया / वायरस से लड़ने में सक्षम होता है।
अनेक वैज्ञानिकअध्ययनों से यह बात पता चली है कि मीठी नीम की पत्तियों में एंटीफंगल और एंटीवायरल गुण पाए जाते हैं। ये शरीर की किसी संक्रमण या फंगल इन्फ़ेक्शन से रक्षा करते हैं।
5 . सहजन – शक्ति का भंडार सहजन में सभी प्रकार के विटामिन्स और खनिज लवण पाए जाते है, सहजन की पत्तियों का पाउडर बनाकर खाने से 300 प्रकार की बीमारियाँ ठीक होती है |
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प्रयोग विधि –
सिर्फ आधा चम्मच सुबह – शाम गुनगुने पानी साथ प्रयोग करें |
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सावधानिया –
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1 सात साल से कम आयु के बच्चे ,गर्भवती माताएं , और दूध पिलाने वाली माताएं इसका न प्रयोग करें |
2 कम मात्रा में ही प्रयोग करे | {सिर्फ आधा चम्मच एक बार में }

 

 

Benefits
Increases immunity of the body –
> Cures chronic migraine – > Purifies
blood, which causes skin diseases far are –
> this brings Nikhar face –
> it is essential to strengthen the liver or liver –
> the fix Bbasir |
> Eliminates stomach ache, strengthens digestive system.
> It is very useful for diabetes patients.
> Particularly useful in removing fever.
> Heals the lumps in the body.
> It is particularly beneficial in reducing inflammation of the body.
> Eliminates physical and mental weakness.
> Relieves irritation of hands and feet.
> Increases the amount of oxygen in the blood, which gives relief in physical pain.
> It is particularly useful in arthritis.
> Special useful in high blood pressure.
> It cures constipation.
> Removes acidity and gastric from the root.
> It has a special role in diseases like eczema, psoriasis.

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Description

त्रियोग वटी, प्राण ऊर्जा से चार्ज की गयी एक ऐसी जड़ी बूटी है, जो रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाने , मधुमेह , ब्लड प्रेसर , मायग्रेन , गैस्ट्रीक , पेट की तकलीफ , घुटना दर्द , शारीरिक दर्द , बुखार , खांसी , सर्दी , प्रजनन अंगों की बीमारियाँ , एग्जिमा , सोराइसिस , जलन , शरीर में गाँठे सहित अनेक समस्याओं में बहुउपयोगी है |

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